जैव रसायन
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संस्थान के जैव रसायन विभाग की स्थापना अध्यापन, अनुसंधान और रोगी देखभाल के लिए राष्ट्रीय महत्व के एक केन्द्र के रूप में संसद के एक अधिनियम द्वारा 1956 में की गई थी। इस विभाग को स्नातक तथा स्नातकोत्तर छात्रों, चिकित्सा अनुसंधान, रोगी देखभाल, प्रशिक्षण और ईएचबी कार्यक्रम के लिए गुणवत्ता अध्यापन हेतु दुनिया भर में मान्यता प्राप्त है। हम स्नातक चिकित्सा (एमबीबीएस), स्नातकोत्तर चिकित्सा, मूलभूत और अनुप्रयुक्त पाठ्यक्रमों (एमडी, एम. एससी, एम. बायोटेक) तथा स्नातक नर्सिंग कक्षाओं के लिए व्याख्यान और व्यावहारिक अभ्यासों का आयोजन करते हैं। स्नातक अध्ययन में हम नवाचारी अध्यापन तकनीकी अपनाते हैं जैसे समस्या आधारित अधिगम। स्नातकोत्तर छात्र (एमडी, एम. एससी और पीएच.डी) संकाय के पर्यवेक्षण के अधीन अपने शोध पर कार्य करते हैं। संकाय सदस्य मूलभूत, क्लिनिकल और ट्रांसलेशनल जैव चिकित्सा अनुसंधान से संबंधित अनुसंधान गतिविधियों में व्यापक रूप से शामिल रहते हैं। अनुसंधान का निधिकरण आंतरिक स्रोतों और राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय निधिकरण एजेंसियों से मिलने वाले अनुसंधान अनुदानों से किया जाता है। वर्तमान में विभाग में 10 संकाय सदस्य और 26 स्टाफ सदस्य कार्यरत हैं।